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Menopause, Perimenopause

रजोनिवृत्ति और पेरीमेनोपॉज: एक संपूर्ण जानकारी

रजोनिवृत्ति और पेरीमेनोपॉज के लक्षण, कारण, चरण, आयु, उपचार और देखभाल से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में पढ़ें।

भूमिका

हर महिला के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब मासिक धर्म चक्र स्थायी रूप से बंद हो जाता है। इस स्थिति को ही रजोनिवृत्ति (Menopause) कहा जाता है। रजोनिवृत्ति एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ आने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तन कभी-कभी काफी परेशान कर सकते हैं। इस अवस्था से पहले एक संक्रमणकाल आता है जिसे पेरीमेनोपॉज (Perimenopause) कहा जाता है। इस लेख में हम इन दोनों अवस्थाओं से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Menopause And Perimenopause

1. रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है?

रजोनिवृत्ति एक ऐसी अवस्था है जब किसी महिला का मासिक धर्म (पीरियड्स) लगातार 12 महीनों तक नहीं आता, और यह उम्र से संबंधित हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। इस समय महिला के अंडाशय (Ovaries) एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टरॉन (Progesterone) हार्मोन बनाना बंद कर देते हैं, जिससे ओव्यूलेशन रुक जाता है।

2. पेरीमेनोपॉज (Perimenopause) क्या है?

पेरीमेनोपॉज वह समयावधि होती है जब महिला का शरीर रजोनिवृत्ति की ओर अग्रसर होता है। यह एक संक्रमणकाल होता है जिसमें हार्मोन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है और मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। यह अवधि कुछ महीनों से लेकर 4 से 10 वर्षों तक हो सकती है।

3. रजोनिवृत्ति की आयु

  • अधिकांश महिलाओं में रजोनिवृत्ति की औसत आयु 45 से 55 वर्ष के बीच होती है।
  • भारत में महिलाओं में औसतन 46 से 48 वर्ष की आयु में रजोनिवृत्ति होती है।
  • कुछ मामलों में, 40 वर्ष से पहले रजोनिवृत्ति हो जाती है, जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज (Premature Menopause) कहा जाता है।
  • 60 वर्ष से अधिक उम्र में मेनोपॉज असामान्य मानी जाती है।

4. रजोनिवृत्ति के चरण (Stages of Menopause)

1. पेरीमेनोपॉज (Perimenopause)

  • यह रजोनिवृत्ति से पहले की अवस्था होती है।
  • इसमें हार्मोनल असंतुलन होता है।
  • मासिक धर्म अनियमित हो जाता है।

2. मेनोपॉज (Menopause)

  • जब एक वर्ष तक पीरियड्स नहीं आते।
  • यह पुष्टि करता है कि प्रजनन क्षमता समाप्त हो चुकी है।

3. पोस्टमेनोपॉज (Postmenopause)

  • मेनोपॉज के बाद की अवस्था।
  • हार्मोन का स्तर स्थिर रूप से कम रहता है।
  • कुछ लक्षण इस समय भी बने रह सकते हैं।

5. रजोनिवृत्ति और पेरीमेनोपॉज के लक्षण (Symptoms)

सामान्य लक्षण:

1. मासिक धर्म में बदलाव:

  • अनियमित पीरियड्स
  • पीरियड्स का लंबा या छोटा होना
  • अधिक या कम रक्तस्राव

2. गर्माहट के दौरे (Hot Flashes):

  • अचानक शरीर में गर्मी लगना
  • पसीना आना, खासकर रात में (Night Sweats)
Disturb Sleep

3. नींद की समस्या:

  • अनिद्रा
  • बार-बार जागना

4. मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन:

  • अवसाद (Depression)
  • चिंता (Anxiety)

5. योनि में सूखापन (Vaginal Dryness):

  • सेक्स के दौरान दर्द
  • बार-बार संक्रमण

6. त्वचा, बाल और नाखून में बदलाव:

  • त्वचा पतली और रूखी होना
  • बाल झड़ना

7. हड्डियों में कमजोरी:

  • ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ना

8. याददाश्त और एकाग्रता में कमी

9. हृदय रोग का खतरा बढ़ना

6. रजोनिवृत्ति क्यों होती है? (Causes)

रजोनिवृत्ति मुख्यतः एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन कुछ अन्य कारण भी इसे जल्दी ला सकते हैं:

  • ओवेरियन फेल्योर (Ovarian Failure)
  • कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी
  • अंडाशय का सर्जिकल हटाया जाना (Oophorectomy)
  • जेनेटिक कारण

7. जाँच और निदान (Diagnosis)

मेनोपॉज को आमतौर पर लक्षणों और मासिक धर्म के इतिहास से ही समझा जा सकता है। फिर भी, निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

  • FSH (Follicle Stimulating Hormone) स्तर की जांच
  • एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा
  • थायरॉइड परीक्षण (TSH)
  • लिपिड प्रोफाइल, हड्डी का घनत्व परीक्षण

8. रजोनिवृत्ति का उपचार (Treatment)

रजोनिवृत्ति कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इसका “इलाज” नहीं किया जाता। लेकिन लक्षणों से राहत देने के लिए विभिन्न उपचार विधियाँ अपनाई जाती हैं।

1. हार्मोनल थेरेपी (HRT)

  • एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरॉन हार्मोन का सेवन किया जाता है।
  • यह हॉट फ्लैश, योनि सूखापन, और हड्डियों की कमजोरी में मदद करता है।
  • सावधानी: इससे स्तन कैंसर और हृदय रोग का खतरा कुछ हद तक बढ़ सकता है।

2. गैर-हार्मोनल उपचार

  • SSRIs (डिप्रेशन की दवाएं): मूड स्विंग्स और हॉट फ्लैश में सहायक
  • क्लोनिडीन और गैबा-पेंटिन जैसी दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं।

3. जीवनशैली में बदलाव

खानपान:

  • कैल्शियम और विटामिन D युक्त भोजन
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दूध, अंडा, मछली
  • कैफीन और शराब से परहेज
Meditation

व्यायाम:

  • नियमित योग, प्राणायाम, और तेज चलना
  • हड्डियों को मजबूत रखने के लिए वेट ट्रेनिंग

नींद और मानसिक स्वास्थ्य:

  • ध्यान (Meditation)
  • पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट

4. वैकल्पिक चिकित्सा

  • आयुर्वेदिक औषधियाँ (अशोक, शतावरी, लोध्र आदि)
  • होम्योपैथी
  • एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर

9. रजोनिवृत्ति से जुड़ी समस्याएँ

  • हड्डियों का क्षय (Osteoporosis)
  • हृदय रोग
  • मूत्रमार्ग संक्रमण
  • स्त्री रोग संबंधी कैंसर का खतरा
  • यौन इच्छा में कमी (Low Libido)

10. मानसिक और सामाजिक पहलू

  • कुछ महिलाएं मेनोपॉज को उम्र का नकारात्मक पड़ाव मानती हैं, लेकिन यह एक प्राकृतिक संक्रमणकाल है जिसे समझदारी से अपनाना चाहिए।
  • परिवार और समाज से सहयोग मिलना इस अवस्था में बेहद जरूरी है।
  • मनोचिकित्सक या काउंसलर की मदद लेने से लक्षणों को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है।
Yoga

निष्कर्ष

रजोनिवृत्ति और पेरीमेनोपॉज महिला जीवन के सामान्य और प्राकृतिक चरण हैं। यद्यपि यह शरीर और मन दोनों पर प्रभाव डालते हैं, लेकिन सही जानकारी, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर इस संक्रमणकाल को सहज और स्वस्थ रूप से पार किया जा सकता है।

महिलाओं को चाहिए कि वे अपने शरीर के संकेतों को समझें, संकोच न करें, और जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय परामर्श लें।

अपनी और अपनों की सेहत का रखें ध्यान, क्योंकि स्वस्थ जीवन ही सुखद जीवन है। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो तो इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा करें और नियमित स्वास्थ्य अपडेट्स के लिए विजिट करें https://goodhealthpositivethought.com

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